दिल्ली की भाजपा सरकार में मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पाहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 1984 का सिख नरसंहार… एक ऐसा काला अध्याय जिसे कोई सिख कभी भूल नहीं सकता. कांग्रेस और गांधी परिवार की शह पर 8000 से ज़्यादा सिखों को दिल्ली की सड़कों पर ज़िंदा जला दिया गया. गुरु घरों में बेअदबी हुई, माताओं की गोद उजड़ गई और आज राहुल गांधी उस दर्द पर बस ये कहते हैं.. “जो हुआ, ग़लत हुआ”.
उन्होंने आगे लिखा, विदेशों में जाकर भारत और सिखों का अपमान करने वाले राहुल गांधी, जब सच का सामना करने की बारी आई तो दरबार साहिब में सेवा का हवाला देकर पीछे हट गए. सवाल ये है – क्या सिखों के लहू का प्रायश्चित एक सेवा से हो जाएगा? राहुल गांधी जवाब दें… कमलनाथ, सज्जन कुमार और टाइटलर जैसे सिखों के क़ातिल आज भी कांग्रेस में क्यों हैं?
कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात तो करती है पर पिछले 15 दिनों से वो वीडियो तक शेयर नहीं किया जिसमें सिख युवाओं ने राहुल गांधी के सामने सच रखा. क्यों? क्योंकि वो जानते हैं कि वो वीडियो उनकी ड्रामा-पॉलिटिक्स और दोहरे चेहरे को बेनक़ाब कर देगा. ये सिर्फ़ एक वीडियो नहीं था… ये सिख कौम की पीड़ा, ग़ुस्सा और इंसाफ़ की पुकार थी.
राहुल गांधी ने जो कहा, वो माफ़ी नहीं, एक राजनीतिक ढोंग था। उनकी चुप्पी, उनका टालमटोल और दोषियों को संरक्षण… यही गांधी परिवार का असली चेहरा है. अपनी दादी और पिता की तरह राहुल गांधी भी सिखों से नफ़रत करते थे, हैं और करते रहेंगे.
