गुवाहाटी, 12 अप्रैल 2025:
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ सीमित विरोध के बावजूद राज्य में शांति बनी हुई है। उन्होंने असम पुलिस की रणनीतिक तैयारी और कुशल जमीनी कार्य की सराहना की और बोहाग बिहू उत्सव से पहले राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “लगभग 40% मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, असम में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। केवल तीन स्थानों पर छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें से प्रत्येक में 150 से अधिक लोग शामिल नहीं थे।”
उन्होंने आगे लिखा, “शांति और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए मैं असम पुलिस की प्रशंसा करता हूं। राज्य भर के लोग – चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से हों – एकजुट हैं और हमारे प्रिय बोहाग बिहू के स्वागत की तैयारी में लगे हैं।”
बोहाग बिहू की तैयारियों से सजा असम
बोहाग बिहू, जिसे रोंगाली बिहू भी कहा जाता है, असमिया नववर्ष का प्रतीक है और यह राज्य का सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव माना जाता है। गुवाहाटी सहित पूरे राज्य में उत्सव का माहौल है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मनाया जाने वाला यह पर्व, कृषि, संस्कृति और समुदायिक एकता का उत्सव है।
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सीएम सरमा की यह टिप्पणी उस समय आई है जब देश के कई हिस्सों में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को 5 अप्रैल को अपनी स्वीकृति दी थी, जिसे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया था। लोकसभा में यह विधेयक 288 मतों के समर्थन और 232 के विरोध के साथ पारित हुआ, जबकि राज्यसभा में इसे 128 मतों के समर्थन और 95 मतों के विरोध में मंजूरी मिली।
क्या है वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025?
इस अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है। इसके अंतर्गत वक्फ परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण, पंजीकरण और प्रशासनिक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की बात कही गई है, जिससे हितधारकों को सशक्त बनाया जा सके।
राज्य में सीमित विरोध और उत्सव की तैयारी के बीच सीएम सरमा का यह बयान राज्य की सामाजिक स्थिरता और प्रशासनिक संतुलन की तस्वीर पेश करता है।