दिल्ली दंगा आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी परोल दी. कुल 6 दिन के लिए मिली कस्टडी परोल के दौरान ताहिर हुसैन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही बाहर रह सकता है. अपनी सुरक्षा पर होने वाली भारी खर्च भी उसे ही उठाना पड़ेगा. इस खर्च के अग्रिम भुगतान पर ही उसे जेल से बाहर आने दिया जाएगा. ताहिर हुसैन पर 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर गंभीर आरोप हैं. उस पर दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है. UAPA और PMLA जैसे संगीन कानूनों के तहत भी 2 केस हैं. दंगों के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे हुसैन को इस बार AIMIM ने टिकट दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे कस्टडी परोल पर बाहर आकर नामांकन की अनुमति दी थी, लेकिन प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया था.
अंतरिम जमानत के लिए ताहिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन पिछले सप्ताह 2 जजों की बेंच में इस पर सहमति नहीं बनी थी. ऐसे में मंगलवार, 28 जनवरी को यह मामला 3 जजों- जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मिश्रा की बेंच में लगा. सुनवाई की शुरुआत में ही ताहिर के लिए पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कह दिया कि वह अंतरिम जमानत की मांग पर जोर नहीं देना चाहते. इसके बजाय वह कोर्ट की तरफ से तय शर्तों पर कस्टडी परोल चाहते हैं.
