बीबीएनआईए ने जीएसटी के सरलीकरण करने व बजट में राहत देने की बात रखी

बरोटीवाला नालागढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बी.बी.एन.आई.ए) उद्योग से संबंधित मुद्दों को लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिली। केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण चंडीगढ़ के एक दिवसीय दौरे पर थी और बीबीएन उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और हिमाचल के उद्योग जगत से जुडे विभिन्न मुददे उनके समक्ष रखे। बीबीएनआईए के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, महासचिव वाई.एस.गुलेरिया व दिनेश जैन ने बताया कि मंत्री के समक्ष उन्होंने जी.एस.टी का सरलीकरण करने, बैंक ब्याज में कमी करने व आगामी बजट में उद्योग जगत को राहत देने की बात उठाई। सर्वप्रथम महंगे मालभाडों पर चिंता जताई गई और कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता और विकास को बढ़ाना आसान होगा। सड़क के बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय राजमार्गों की कनेक्टिविटी को बढ़ाने की तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि पिंजौर-बददी नालागढ़ फोरलेन की निर्माण गति बहुत धीमी है।


इसके अलावा बददी-चंडीगढ़ रेल मार्ग जो कि 10 साल से बन रहा है, वह आज भी अधूरा है, जिससे कनेक्टिविटि महंगी होगी, वहीं माल भाडा लागत में भी कमी आएगी। पदाधिकारियों ने औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस) 2017 के तहत 31 दिसंबर 2022 तक पंजीकरण करवाने वाले आवेदकों के लिए क्रेडिट तक पहुंच के लिए प्रोत्साहन की मंजूरी में तेजी लाने का आग्रह किया।


न्यायसंगत औद्योगिक योजनाएं :
जम्मू और कश्मीर के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र योजना (एनसीएसएस) ने कई उद्योगों को हिमाचल प्रदेश से जम्मू में स्थानांतरित होने या स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए आकर्षित किया है। उद्योगों को बनाए रखने और आकर्षित करने के लिए, हम हिमाचल प्रदेश के लिए एक समकक्ष नहीं तो उचित औद्योगिक योजना का प्रस्ताव करते हैं, जो औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समान प्रोत्साहन और समर्थन करे।


एजीटी और सीजीसीआर करों को जीएसटी में शामिल करना :
अतिरिक्त कर 2017 में जीएसटी अधिनियम के लागू होने के बावजूद, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एजीटी और सीजीसीआर जैसे करों को जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है, जिससे हिमाचल प्रदेश में संचालित उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इस तरह के कर केवल हिमाचल प्रदेश में ही लगाए जा रहे हैं, देश में कहीं और नहीं। हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि इन करों को जीएसटी में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे एक राष्ट्र एक कर का उद्देश्य पूरा हो सके, जो जीएसटी अधिनियम का रेखांकित और मुख्य उद्देश्य है। अध्यक्ष राजीव अग्रवाल व महामंत्री वाई एस गुलेरिया ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115 बी.ए.बी के तहत लाभ, जो नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों को 15 प्रतिशत की रियायती कर दर का आग्रह किया जो कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले हैं। नए निवेश को आकर्षित करने और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इन लाभों को अगले 3 वर्षों तक बढ़ाने का अनुरोध भी बीबीएनआईए ने किया।


जीएसटी रिफंड तंत्र को आसान बनाना :
बीबीएन उद्योग संघ ने कहा कि वर्तमान जीएसटी रिफंड प्रक्रिया जटिल है और विशेष रूप से निर्यातकों के लिए कार्यशील पूंजी की ब्लोकेड एवं महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करती है। उन्होंने सरकार से रिफंड तंत्र को सरल बनाने और जटिल नियम 89(4बी) से उत्पन्न होने वाले मुद्दों का समाधान करने का आग्रह किया।

error: Content is protected !!