दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब दिल्ली की महिलाएं दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। यह फैसला न सिर्फ कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगा, बल्कि दिल्ली को 24×7 बिजनेस हब के रूप में विकसित करने में भी सहायक होगा।

महिला सुरक्षा बनी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत:

  • रात की ड्यूटी के दौरान सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
  • सीसीटीवी कैमरे और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे।
  • नाइट शिफ्ट में शामिल होने से पहले महिलाओं से लिखित सहमति ली जाएगी।

कानूनी बदलाव की तैयारी

दिल्ली सरकार इस बदलाव को लागू करने के लिए ‘दिल्ली दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1954’ में जरूरी छूट देने जा रही है।
फिलहाल इस अधिनियम की धाराएं 14, 15 और 16 के तहत महिलाओं को गर्मियों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक और सर्दियों में रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कार्य करने की अनुमति नहीं है। अब इन प्रावधानों में संशोधन किया जा रहा है।

LG को भेजा जाएगा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस प्रस्ताव को उपराज्यपाल विनय सक्सेना की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और प्रशासनिक सहमति की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी।

POSH कानून के तहत होगी कमेटी की स्थापना

महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए:

  • कंपनियों को POSH (Prevention of Sexual Harassment) एक्ट के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनानी होगी।
  • कार्यस्थलों पर रेस्ट रूम, लॉकर, टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।

वेतन और लाभों की पारदर्शिता

सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि:

  • महिलाओं को बैंक/ईसीएस माध्यम से वेतन भुगतान किया जाए।
  • ईएसआई, पीएफ, बोनस, ओवरटाइम, साप्ताहिक अवकाश जैसे सभी कानूनी लाभ दिए जाएं।

दूसरे राज्यों में पहले से लागू

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पहले से यह व्यवस्था लागू है। अब दिल्ली भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिससे राजधानी में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।

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