‘मंदिर के बोर्ड में सिर्फ हिंदू, लेकिन वक्फ में चाहिए गैर-मुस्लिम’: ओवैसी का तीखा पलटवार’

न्यूज़ फ्लिक्स भारत :तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नवनियुक्त अध्यक्ष बीआर नायडू के हालिया बयान पर विवाद उठ गया है। नायडू ने कहा कि मंदिर परिसर में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए। यह बयान आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा टीटीडी के लिए 24 सदस्यों के नए बोर्ड के गठन के बाद आया है, जो तिरुमाला तिरुपति, दुनिया के सबसे अमीर मंदिर का प्रशासन देखता है।

बीआर नायडू के इस बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “टीटीडी के अध्यक्ष का कहना है कि तिरुमाला में केवल हिंदुओं को ही काम करना चाहिए। लेकिन मोदी सरकार वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों की अनिवार्यता रखना चाहती है। अधिकांश हिंदू बंदोबस्ती कानून केवल हिंदुओं को सदस्य बनने की अनुमति देते हैं। जो नियम एक के लिए सही है, वही दूसरे के लिए भी लागू होना चाहिए।”

नायडू ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह अन्य धर्मों से जुड़े कर्मचारियों के भविष्य पर आंध्र प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करेंगे, और उनके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) या अन्य विभागों में स्थानांतरण की संभावना पर विचार करेंगे। इस विवाद ने न केवल धार्मिक पहचान के मुद्दे को फिर से हवा दी है, बल्कि मोदी सरकार के प्रस्तावित वक्फ कानून पर भी सवाल उठाए हैं।

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