हिमाचल प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को और अधिक आधुनिक और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने पांच प्रमुख टोल बैरियरों पर फास्टैग (FASTag) के जरिए शुल्क वसूली की सुविधा शुरू कर दी है।
अब वाहन चालकों को इन टोल बैरियर्स पर नकद भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय की बचत के साथ-साथ ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।
किन स्थानों पर शुरू हुई सुविधा?
फास्टैग की सुविधा बिलासपुर, सोलन जिले के परवाणू, सिरमौर, कांगड़ा के नूरपुर, और ऊना जिले के टोल बैरियर्स पर शुरू की गई है। अभी यह सुविधा पहले चरण में लागू की गई है और भविष्य में राज्य के अन्य 45 टोल बैरियर्स पर भी इसे विस्तार देने की योजना है।
फास्टैग से क्या होंगे फायदे?
- यातायात में तेजी आएगी
- नकद लेनदेन की जरूरत खत्म होगी
- टोल वसूली प्रणाली पारदर्शी बनेगी
- फर्जी रसीद और भ्रष्टाचार की आशंका कम होगी
अब तक फास्टैग की सुविधा केवल राष्ट्रीय राजमार्गों और फोरलेन टोल प्लाजा तक सीमित थी। लेकिन राज्य सरकार ने इसे राज्य स्तरीय टोल बैरियरों पर भी लागू करके एक बड़ी पहल की है।
शुल्क निर्धारण
राज्य सरकार ने विभिन्न वाहन श्रेणियों के आधार पर टोल शुल्क तय किया है, जो फास्टैग से स्वचालित रूप से कट जाएगा। इससे शुल्क प्रक्रिया अधिक सटीक और विश्वसनीय बन सकेगी।
आगे की योजना
संबंधित विभाग के अनुसार, अगले चरण में राज्य के अन्य टोल बैरियरों पर भी यह सुविधा लागू की जाएगी, जिससे हिमाचल प्रदेश में एकीकृत टोल प्रणाली की दिशा में ठोस प्रगति हो सकेगी।