हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है। 26 अप्रैल से प्राथमिक शिक्षक शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं। सरकार ने आठ शिक्षकों को धरना प्रदर्शन करने पर सस्पेंड भी किया है, जिसके खिलाफ शिक्षक हाईकोर्ट भी गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि आठ-दस लोगों को सस्पेंशन करने से शिक्षक पीछे हटने वाले नहीं हैं और जरूरत पड़ी तो आंदोलन को बड़ा किया जाएगा।
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने शिमला में प्रेस वार्ता कर कहा कि 26 अप्रैल को चौड़ा मैदान शिमला में प्रदर्शन कर रहे 900 अध्यापकों के खिलाफ सरकार ने FIR करने और एक दिन की सैलरी काटने की बात कही है जो कि हुई है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ होगा।
SMC के अध्यापक भी हर रोज धरने में शामिल होने की बात कह रहे हैं। सरकार प्राथमिक शिक्षकों को कमजोर न समझे। प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से कई बार बात की लेकिन सरकार ने मांगे नहीं मानी। स्कूलों में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। सरकार ने अगर वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। जो जो शिक्षक सस्पेंड हो रहे हैं वह शिमला में आंदोलन में बैठ रहे हैं. जिस दिन 25 हजार शिक्षक सस्पेंड हो जाएंगे उस दिन शिमला में जगह कम पड़ जाएगी। स्कूलों में अगर ऑनलाइन काम के लिए 15 दिन के भीतर सिम व डाटा उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो 15 दिन के बाद ऑनलाइन काम बंद कर दिया जाएगा। स्कूलों को बंद करने की सरकार साजिश कर रही है।
