अमेरिका में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विदेशी छात्रों को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईमेल भेजकर खुद को देश से निर्वासित करने का आदेश दिया है. इमेल में छात्रों से कहा गया है कि एफ-1 स्टूडेंट वीजा के निरस्तीकरण के बाद वे खुद से देश छोड़ दें.
ये ईमेल उन लोगों के पास आया है, जो विश्वविद्यालय कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. खास बात है कि मेल उन छात्रों को भी भेजा गया है, जिन्होंने राष्ट्र विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर, लाइक या कमेंट किया है. मेल प्राप्त करने वाले छात्रों में कुछ भारतीय भी शामिल हैं. इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि राजनीतिक पोस्ट को शेयर करने पर भी वीजा निरस्त किया जा सकता है.
किसने दिया आदेश
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने एलान किया कि कथित तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल विदेशी छात्रों के वीजा रद्द किए जाएंगे. उन्होंने कहा, अब तक 300 से अधिक वीजा रद्द कर दिए गए हैं. यह प्रक्रिया रोज चल रही है. हर देश को यह अधिकार है कि वह यह तय करे कि कौन उसके देश में रह सकता है और कौन नहीं.
F-1 वीजा क्या है?
एफ-1 वीजा एक गैर आप्रवासी वीजा है. ये मान्यता प्राप्त संस्थानों में अकादमिक अध्ययन करने के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दिया जाता है, जिससे वे अमेरिका में रहकर अपनी पढ़ाई कर सकें. पात्र संस्थानों का मतलब होता है- विश्वविद्यालय, कॉलेज, हाईस्कूल सहित अन्य शैक्षणिक संस्थान.
