हरियाणा के सोनीपत जिला के फिरोजपुर बांगर क्षेत्र में बिना लाइसेंस संचालित एक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। हरियाणा के ड्रग विभाग के वरिष्ठ ड्रग कंट्रोल अधिकारी राकेश दहिया की अगुवाई में छापा मारकर इस अवैध फैक्ट्री को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि यहां एंटीबायोटिक दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था, जिसके लिए किसी भी प्रकार की वैध अनुमति नहीं थी। वहीँ इस छापमारी के दौरान जांच में सामने आया कि यहां हिमाचल प्रदेश की तीन कंपनियों की दवाइयां बनाई जा रही थीं ।
कार्रवाई के दौरान टीम ने फैक्टरी में मौजूद मशीनों, कच्चे माल और तैयार दवाओं को सील कर दिया। जब्त की गई दवाओं में पेंटाप्राजोल, सिफैक्जीम-200 (माइकोसेफ-एलबी 200), एजिथ्रोमाइसीन-200 (रिक-200) और एमोक्सी प्लस क्लेवम एट शामिल हैं। इन दवाओं व उनके बाक्स पर महाराष्ट्र के मुम्बई थाने में संचालित मैक्स सेल लाइफ केयर, हिमाचल के जिला सोलन, तहसील नालागढ़ स्थित पैराडाक्स फार्मासुटिकल कंपनी के निर्माण व मार्किटिंग भी अंकित है। जोकि सीधे तौर पर संबंधित कंपनियों के भी राजस्व का नुकसान है।
इस मामलें में हिमाचल के सोलन जिला का नाम आने के बाद हिमाचल ड्रग विभाग भी चौकना हो गया है। इस मामलें में जब हिमाचल के स्टेट ड्रग कन्ट्रोलर डॉ मनीष कपूर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए इस मामलें को लेकर हिमाचल ड्रग विभाग नज़र बनाये हुए है। उन्होंने कहा की सोलन जिला में इस तरह की कोई भी दवाइयां नहीं बन रही है, यह सिर्फ हिमाचल के नाम को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। मनीष कपूर ने कहा कि जिला सोलन में इस नाम की न कोई कंपनी है और न ही हिमाचल ड्रग विभाग ने कोई लाइसेंस जारी किया है
