हिमाचल में OPS लागू करने से हुआ नुकसान!, लोन लिमिट में हुई कटौती

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने प्रदेस में कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग ओपीएस बहाली की बात कही थी. जिसको पूरा करते हुए सरकार बनने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने कर्मचारियों को खुश करने के लिए ओपीएस को लागू कर दिया. जिस कारण हिमाचल प्रदेश को नुकसान का सामना भी करना पड़ रहा है. प्रदेश के सामने वित्तीय सकंट खड़ा हो गया है. उधर, ओपीएस लागू करने के बाद केंद्र सरकार से मिलने वाली लोन लिमिट में कमी आई है. अब एनपीएस हटने और ओपीएस लागू होने से केंद्र ने लोन लिमिट में नियमों के अनुसार कटौती कर दी है.

लोन लिमिट से मतलब है कि राज्य सरकार को एक साल में कितना कर्ज लेने की अनुमति होती है और यह सीमा केंद्र सरकार तय करती है. इस लिमिट के भीतर ही राज्य सरकार कर्ज ले सकती है. लोन लिमिट दो हिस्सों में बांटी जाती है, मार्च से दिसंबर तक का पहला हिस्सा और जनवरी से मार्च तक का दूसरा हिस्सा. इस साल के लिए राज्य सरकार के पास 517 करोड़ रुपए की लोन लिमिट बची है, जिसे राज्य सरकार अगले कुछ दिनों में कर्ज के रूप में इस्तेमाल करने वाली है. हालांकि, सरकार ने इस लोन को लेने के लिए भी ड्राफ्ट तैयार कर दिया है.

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