नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोलेबोरेशन प्लेटफॉर्म गिटहब के सीईओ थॉमस डोहम्के ने भविष्यवाणी की है कि भारत 2027 तक अमेरिका को पछाड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर डेवलपर कम्युनिटी बन सकता है। डोहम्के ने यह बयान राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम’ में दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दौर में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स वैश्विक जीडीपी में तेजी ला रहे हैं, और भारत डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के निर्माण में अग्रसर है, जिससे लाखों डेवलपर्स को सहायता मिलेगी और देश की आर्थिक वृद्धि दर को भी बढ़ावा मिलेगा।
डोहम्के ने बताया कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र अन्य क्षेत्रों की तुलना में सबसे तेजी से एआई को अपना रहा है, जिससे नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर कंपनी को एआई की ताकत को समझना होगा, क्योंकि एआई समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है। गिटहब की एक स्टडी के अनुसार, गिटहब कोपायलट द्वारा सुझाए गए 30 प्रतिशत कोड को यूजर्स ने स्वीकार किया है।
डोहम्के ने आगे कहा कि 2030 तक 45 मिलियन पेशेवर डेवलपर्स की अनुमानित संख्या के साथ, एआई के इस्तेमाल से 30 प्रतिशत उत्पादकता वृद्धि संभव है, जिससे वैश्विक स्तर पर अतिरिक्त 15 मिलियन ‘प्रभावी डेवलपर्स’ की क्षमता का लाभ प्राप्त हो सकता है। गिटहब कोपायलट को अब तक दस लाख से अधिक डेवलपर्स ने सक्रिय किया है और 20,000 से अधिक संगठनों ने इसे अपनाया है। वर्तमान में, फॉर्च्यून 100 में से 90 कंपनियां गिटहब का उपयोग कर रही हैं, जो 100 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करता है।