कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उन्हें “वीर सावरकर पुरस्कार” के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने उनकी सहमति के बिना उनका नाम घोषित किया, जो गैरजिम्मेदाराना है। थरूर ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पुरस्कार के स्वरूप, इसे प्रदान करने वाले संगठन या किसी अन्य विवरण के अभाव में, उनकी उपस्थिति या पुरस्कार स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। इसके बावजूद कुछ मीडिया संस्थान आज भी वही सवाल कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने यह बयान जारी किया।
नई दिल्ली में 10 दिसंबर को वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पुरस्कार 2025 का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन उच्च श्रेणी ग्रामीण विकास सोसायटी (HRDS) करेगी, जिसका उद्देश्य नीति निर्माताओं, सामाजिक नेताओं, विद्वानों और नागरिक समाज के सदस्यों के समाज में परिवर्तनकारी योगदान को मान्यता देना है। समारोह एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में होगा और इसमें उन व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाएगा जिनके कार्य राष्ट्रीय विकास, सामाजिक सुधार और मानवीय सहायता में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। समारोह का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जबकि जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे। सार्वजनिक जीवन, प्रशासन, शिक्षा और विकास क्षेत्र से जुड़े कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों की भी मौजूदगी रहेगी।


