उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई. जब महाकुंभ मेले के मैदान में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की मूर्ति स्थापित की. उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने इसका लोकार्पण किया. 3 फीट ऊंची इस मूर्ति को कांस्य से तैयार किया गया. महाकुंभ में मुलायम सिंह की मूर्ति लगाए जाने के बाद साधु संत इसके विरोध में उतर गए हैं. उन्होंने इसे सनातन का अपमान बताया है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा की स्थापना की कड़ी आलोचना की और यादव पर लगातार हिंदू विरोधी और सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा धार्मिक नेताओं को उन घटनाओं की याद दिलाती है, जहां यादव के नेतृत्व में उनके समुदाय के सदस्यों को मारा गया था. महंत रवींद्र पुरी ने सवाल किया कि मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा से हमें कोई आपत्ति नहीं है. वह हमारे मुख्यमंत्री थे और उनके राजनीतिक महत्व से कोई इनकार नहीं कर सकता. लेकिन अब इस प्रतिमा को स्थापित करके वे क्या संदेश देना चाह रहे हैं?
