पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इस प्रक्रिया का विरोध कर रही हैं, और राज्य में SIR के दौरान 34 लोगों की मौत होने का दावा करते हुए निर्वाचन आयोग से जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। ममता ने इस संबंध में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है।
बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए आंकड़े पेश किए हैं। पार्टी के नेता अमित मालवीय ने बताया कि 2002 से 2025 के बीच पश्चिम बंगाल में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 4.58 करोड़ से बढ़कर 7.63 करोड़ हो गई, यानी 66% की वृद्धि हुई। सबसे अधिक वृद्धि नौ सीमावर्ती जिलों में हुई, जिनमें उत्तर दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना प्रमुख हैं। केवल बीरभूम गैर-सीमावर्ती जिला शीर्ष 10 में शामिल है।
बीजेपी का कहना है कि ये अवैध घुसपैठिए अब राज्य और देश में फैले हैं और टीएमसी के वोट बैंक का हिस्सा हैं। दोनों पार्टियां पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से पहले इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपना रही हैं। SIR और घुसपैठियों के मुद्दे पर बहस आगे और गर्म होने की संभावना है।


