महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. इस बार आंदोलन की अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल कर रहे हैं. उन्होंने “चलो मुंबई” का आह्वान किया है, जिसके तहत बड़ी संख्या में मराठा समुदाय के लोग मुंबई पहुंच रहे हैं.
मुंबई फ्रीवे पर पुलिस ने रोका, एक प्रदर्शनकारी की मौत
प्रदर्शनकारी जैसे ही मुंबई के ईस्टर्न फ्रीवे पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोक दिया और वापस लौटने की अपील की. इसी बीच बीड जिले के 45 वर्षीय प्रदर्शनकारी सतीश देशमुख की दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने से मौत हो गई. सतीश देशमुख वरपगांव, केज तालुका के रहने वाले थे और एक किसान थे. वो दो साल से इस आंदोलन से जुड़े हुए थे. मुंबई रवाना होने के एक दिन बाद, नारायणगांव में उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई.
आजाद मैदान में उमड़ी लाखों की भीड़
हालांकि प्रशासन ने आंदोलन के लिए सिर्फ 5,000 लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन लाखों लोग आंदोलन में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंच चुके हैं. CSMT स्टेशन, गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, दादर, शिवाजी पार्क, गिरगांव चौपाटी जैसी जगहों पर भगवा टोपी पहने मराठा प्रदर्शनकारी नजर आ रहे हैं. लोकल ट्रेनों से भर-भरकर लोग आजाद मैदान पहुंच रहे हैं.
मनोज जरांगे बोले: “सरकार चाहे गोली चलाए, हम पीछे नहीं हटेंगे”
मनोज जरांगे ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा:
“जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं होती, हम मुंबई नहीं छोड़ेंगे.”
“सरकार गोलियां चलाए या जेल में डाले, हम अनशन जारी रखेंगे.”
“हम शांति से प्रदर्शन करेंगे, पुलिस के काम में बाधा नहीं डालेंगे, न ही कोई पत्थरबाजी करेंगे.”
“हमारी गाड़ियां जल्दी हटेंगी और हम सहयोग करेंगे.”
क्या है आंदोलन की मांग?
सरकार ने मराठा समाज को पहले ही 10% आरक्षण दिया है, लेकिन आंदोलनकारी इसे अपर्याप्त मानते हैं.
उनकी मांग है कि मराठा समाज को ओबीसी (OBC) कोटे में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें और ज्यादा आरक्षण और सुविधाएं मिल सकें.
