अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अवैध प्रवासियों के प्रति रुख काफी सख्त है. उनके आदेश के बाद से अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की कार्रवाई में तेजी आई है. इसी कड़ी में अमेरिका का सैन्य विमान 104 भारतीयों को लेकर बुधवार को अमृतसर के एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. अमेरिका ने भारत के नागरिकों के हाथ-पैर बांधकर वापस भेजा, जिसको लेकर विवाद छिड़ गया है. इसको लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. विपक्षी सांसदों ने कल वीरवार को संसद में इसको लेकर हंगामा भी किया. इसी बीच इस विवाद को लेकर अमेरिका का बयान भी सामने आया है.
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि जो भी अमेरिका में अवैध तरीके से घुसेगा,उसे वापस भेजा जाएगा. अमेरिका में इमिग्रेशन कानूनों को सख्ती से लागी करना नेशनल सिक्योरिटी और उसके नागरिकों की सुरक्षा के बेहद जरूरी है. बता दें कि अमेरिकी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि इललीगल एलियंस (अवैध प्रवासियों) को लेकर इसी तरह से सख्त कदम उठाएंगे. बयान में आगे कहा गया है कि अवैध प्रवासियों को देश से निकालने के लिए इमिग्रेशन कानूनों का ईमानदारी से पालन करना अमेरिका की नीति है.
बता दें कि अमेरिका से वापस भेजे गए 104 भारतीय नागरिकों में 79 पुरुष, 25 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल हैं. इन भारतीयो को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. बताया गया है कि इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की.
