शिमला: प्रदेश में कांग्रेस सरकार की लापरवाही और नालायकी के कारण सेब बागवान हताश और निराश हो रहे हैं। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने कहा कि बागवानों के उत्पाद मंडियों में सस्ते दामों पर बिक रहे हैं, और प्रदेश सरकार व एपीएमसी का हिमाचल की मंडियों में कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। व्यापारियों और खरीददारों को सेब कौड़ियों के दाम पर खरीदने की खुली छूट दी जा रही है, जिससे मिलीभगत का संदेह उत्पन्न हो रहा है।
बरागटा ने कहा कि सेब व्यापार के इतिहास में पहली बार, सेब के दाम दो दिनों के भीतर 1000 से 1500 रुपये तक गिर गए हैं, जबकि पूर्व में केवल 100 से 200 रुपये तक की ही गिरावट देखने को मिलती थी। यह स्थिति चिंताजनक है और सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर बागवानों को सेब के उचित दाम दिलाने में मदद करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सेब बाहुल्य क्षेत्र से संबंधित कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। चुनावों में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि बागवान फलों की कीमत खुद तय करेंगे, लेकिन अब वह वादा कहां गया? बागवान इस बात का जवाब चाहते हैं। चेतन बरागटा ने कहा कि कांग्रेस ने अब तक केवल किसानों और बागवानों को गुमराह किया है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार में नरेन्द्र बरागटा के कार्यकाल में बागवानी के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए गए थे, जिन्हें बागवान हमेशा याद रखेंगे।