बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खेमे में खुशी की लहर पैदा कर दी है। अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन पीछे दिख रहा है। इस रुझान के सामने आने के बाद भाजपा और जदयू के कार्यकर्ता पटना और जिला मुख्यालयों में उत्साह से झूमते नजर आए। कार्यालयों में मिठाइयां बांटी गईं और ढोल-नगाड़ों के साथ “फिर एक बार नीतीश सरकार” के नारे लगाए गए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे जनता के विकास और स्थिरता पर भरोसे का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने हमेशा विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी है, और एग्जिट पोल इस विश्वास का प्रमाण है। उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य के बीच मजबूत समन्वय का असर जनता के फैसले में दिखाई दे रहा है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने रुझानों को जातिवाद और नकारात्मक राजनीति को खारिज करने के रूप में देखा। वहीं, महागठबंधन ने एग्जिट पोल को खारिज करते हुए कहा कि वास्तविक परिणाम चुनावी गिनती में साफ होंगे। राजद प्रवक्ता ने कहा कि एग्जिट पोल अक्सर सत्ताधारी दलों के पक्ष में झुकते हैं, और जनता ने बदलाव के लिए मतदान किया है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो नीतीश कुमार बिहार में फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं, जिससे एनडीए की स्थिति मजबूत होगी और 2029 के लोकसभा चुनावों की रणनीति पर भी असर पड़ेगा।


