अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को दी जमानत

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत दे दी है। मिशेल पर इस कथित घोटाले में बिचौलिया होने का आरोप है और वह पिछले छह वर्षों से हिरासत में था। मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियां—प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)—कर रही हैं।

निचली अदालत तय करेगी जमानत की शर्तें

मिशेल जेम्स ब्रिटेन का नागरिक है और उसे 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। दिसंबर 2018 में गिरफ्तारी के बाद से वह हिरासत में था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि मिशेल छह वर्षों से जेल में है, जबकि जांच अब भी जारी है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि निचली अदालत तय शर्तों के आधार पर उसकी जमानत को लागू करेगी।

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती

मिशेल जेम्स ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। 3,600 करोड़ रुपये के इस कथित घोटाले का संबंध अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से है। मामले में सीबीआई और ईडी ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर मिशेल की भूमिका की जांच कर रही हैं।

पहले भी खारिज हो चुकी है जमानत याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उसने यह तर्क दिया था कि वह आधी सजा पूरी कर चुका है और उसे इसी आधार पर रिहा किया जाए। 2024 में उसने दोबारा शीर्ष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की, लेकिन सुनवाई से इनकार कर दिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में जवाब मांगा था।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत

बीते 12 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को निर्देश दिया था कि मिशेल जेम्स की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की व्यवस्था की जाए। मिशेल ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी जरूरी है और वह अत्यधिक दर्द से पीड़ित है, जिससे उसका इलाज टाला नहीं जा सकता।

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