पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी जैसे गंभीर अपराधों को रोकने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, यह विधेयक उन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पृष्ठभूमि में लाया गया है जिनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य पूजनीय धर्मग्रंथों की बेअदबी से जनमानस की भावनाएं आहत हुई हैं और सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंची है।
हालांकि भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराएं 298, 299 और 300 इस प्रकार के अपराधों से निपटने का प्रावधान करती हैं, लेकिन मौजूदा दंड पर्याप्त रूप से कठोर नहीं माने जाते। इसलिए, पंजाब सरकार ने यह राज्य-विशिष्ट विधेयक लाकर इस अपराध के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान करने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि यह विधेयक न केवल ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने में सहायक होगा, बल्कि धार्मिक पवित्रता और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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