भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है. जिसके लिए बहुत से किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है. अब किसानों की इस जमीन को लेकर खबर सामने आ रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय कुछ जमीन वापस करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन इसके लिए सरकार की एक शर्त होगी.
राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे निर्माण से पहले मंत्रालय किसानों से भूमि अधिग्रहित करता है और बदले में मुआवजा देता करता है. लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि भूमि तो अधिग्रहित कर ली जाती है, लेकिन बाद में किसी कारणवश एक्सप्रेसवे या राजमार्ग का संरेखण बदल जाता है. इस कारण किसान को मुआवजा भी नहीं मिल पाता और जमीन मंत्रालय के पास तो रहती है लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं होता. इसे ध्यान में रखते हुए मंत्रालय नीति में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है.
एक्सप्रेसवे या राजमार्गों के लिए अधिग्रहित भूमि पर कोई निर्माण नहीं होता है और भविष्य में इस भूमि पर कोई निर्माण करने की योजना नहीं है, तो ऐसी भूमि किसानों को वापस कर दी जाएगी. क्योंकि मंत्रालय इस प्रकार की भूमि के लिए मुआवजा भी नहीं देता है. इस संबंधित नीति में जल्द ही बदलाव किया जाएगा.
