न्यूज़ फ्लिक्स भारत। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड पर आरोप लगाए थे. जिनका पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगवार को स्पष्ट रुप से खंडन किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह तय करने का अधिकार केवल चीफ जस्टिस के पास है कि कौन से मामले की सुनवाई की जानी चाहिए. कोई राजनीतिक पार्टी यह व्यक्ति तय नहीं कर सकता कि सुप्रीम कोर्ट किस मामले को प्राथमिकता दे.
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने कानून का डर दूर करके दलबदल के रास्ते खोल दिए और विधायकों की अयोग्यता पर याचिकाओं पर फैसला न करके कानून का डर दूर कर दिया. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि उनका नाम काली स्याही से लिखा जाएगा और इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “कई महत्वपूर्ण मामलों का सुप्रीम कोर्ट में 20 सालों से इंतजार हो रहा है. क्या उन पुराने मामलों को न सुनकर हमें हालिया मामलों पर ध्यान देना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकताएं संविधानिक मुद्दों पर होती हैं जो समाज के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.”
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक वर्ग यह महसूस करते हैं कि यदि कोर्ट उनके एजेंडे के अनुसार काम करता है, तो वह स्वतंत्र है. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 38 संविधान पीठ के संदर्भों पर भी फैसले किए हैं, जो यह साबित करता है कि कोर्ट अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और अपनी स्वतंत्रता से काम कर रहा है.