पूरे देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज रक्षा बंधन के पर्व पर भद्रा नहीं है यह शुभ योग लगभग 40 साल बाद आया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन मनाने की शुरुआत माता लक्ष्मी ने की थी. सबसे पहले माता लक्ष्मी ने ही अपने भाई को राखी बांधी थी. इस दिन बहन भाई को राखी बांधती है और भाई बहन को उपहार देकर जीवनभर उसकी रक्षा का वचन देता है. अब सवाल उठता हैं कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है. रक्षाबंधन को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं. आइए जानते हैं उन पौराणिक कथाओं के बारे में.
रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएं
रक्षाबंधन से जुड़ी श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा के अनुसार एक बार भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई थी जिससे लगातार खून बह रह था तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दिया, जिससे उनका खून बहना रुक गया. भगवान कृष्ण ने इस प्रेम और विश्वास के बदले द्रौपदी को उनकी रक्षा का वचन दिया. बाद में जब कौरवों ने द्रौपदी का चीरहरण करने की कोशिश की थी तो श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की थी. यह कथा रक्षाबंधन के रक्षा सूत्र के महत्व को दर्शाती है.
रक्षाबंधन को लेकर राजा बलि और माता लक्ष्मी से जुड़ी कथा, विष्णु पुराण के अनुसार जब भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार में राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उनका सारा राज्य ले लिया, तब बलि ने भगवान विष्णु को अपने साथ रहने का अनुरोध किया. तब माता लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधकर उन्हें भाई बनाया और श्री हरि विष्णु भगवान को वापस वैकुंठ ले गईं.
