Bihar National Politics

तेजस्वी के ‘राइट हैंड’ संजय यादव पर क्यों बढ़ी चर्चा? जानें पर्दे के पीछे की हकीकत

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को भारी पराजय का सामना करना पड़ा, जहां महागठबंधन केवल 35 सीटों तक सिमट गया, जबकि एनडीए ने 202 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। इस हार के बाद पार्टी के भीतर तनाव खुलकर सामने आ गया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर न सिर्फ पार्टी पर बाहरी प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया, बल्कि परिवार से दूरी बनाने का भी ऐलान कर दिया। उनका कहना है कि संजय यादव और रमीज ने उन पर ऐसा निर्णय लेने का दबाव बनाया था।

संजय यादव को लंबे समय से तेजस्वी यादव का सबसे भरोसेमंद रणनीतिकार माना जाता है। पार्टी के प्रमुख फैसलों से लेकर चुनावी योजनाओं तक, हर स्तर पर उनकी भूमिका बताई जाती रही है। कंप्यूटर साइंस में एमएससी और एमबीए करने वाले संजय तीन साल एक एमएनसी में काम कर चुके हैं। तेज प्रताप यादव ने भी पहले उन्हें परिवार को कमजोर करने का जिम्मेदार ठहराया था।

इस चुनाव में आरजेडी की “वोटर अधिकार यात्रा” भी पूरी तरह असफल रही। जहां-जहां यह यात्रा गई, वहां महागठबंधन को निराशाजनक प्रदर्शन देखना पड़ा। दूसरी ओर, एनडीए का आक्रामक प्रचार और “जंगलराज” का मुद्दा जनता के बीच प्रभावी रहा, जिसका लाभ गठबंधन को बड़े स्तर पर मिला।

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