प्रशांत किशोर को पुलिस ने क्यों हिरासत में लिया?

गांधी मैदान में अनशन के कारण हिरासत
बीपीएससी (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने रात 4 बजे हिरासत में लिया। गांधी मैदान को खाली कराने के उद्देश्य से पुलिस ने यह कार्रवाई की। प्रशांत किशोर के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया और सीधा एम्स (AIIMS) ले जाया गया, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।


पुलिस कार्रवाई का कारण

  1. हाईकोर्ट का आदेश:
    पटना हाईकोर्ट ने पहले ही गांधी मैदान को किसी भी तरह के अनशन या आंदोलन के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया है। इसके अनुसार, राजधानी पटना में आंदोलन और धरना के लिए गर्दनीबाग की जगह निर्धारित की गई है। प्रशासन ने इसी आदेश का हवाला देते हुए गांधी मैदान से अनशन खत्म कराने की कार्रवाई की।
  2. प्रशासन की चेतावनी:
    प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट किया था कि गांधी मैदान में अनशन जारी रखना कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने गर्दनीबाग में आंदोलन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों को रोकने की कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन गांधी मैदान में अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को हटाने का निर्देश दिया।

बीपीएससी परीक्षा को लेकर आंदोलन

  • प्रशांत किशोर और बीपीएससी अभ्यर्थी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे।
  • गांधी मैदान में प्रशांत किशोर आमरण अनशन कर रहे थे, जबकि गर्दनीबाग में अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे।

पुलिस की कार्रवाई के बाद स्थिति

पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद एम्स ले जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया। यह कदम प्रशासनिक और कानूनी आदेशों के तहत उठाया गया। प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों का कहना है कि यह कार्रवाई उनकी मांग को दबाने की कोशिश है।

प्रश्न उठता है:
क्या गांधी मैदान में अनशन करना सही था, या प्रशासन ने सही कदम उठाते हुए कोर्ट के आदेश का पालन किया? यह मामला अब राजनीति और न्याय के बीच बहस का विषय बन गया है।

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