मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की सेवाओं को लेकर नराजगी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अपनी यात्री में हुई असुविधा की जानकारी साझा की.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज मुझे भोपाल से दिल्ली आना था, पूसा में किसान मेले का उद्घाटन, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के माननीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है. मैंने एयर इंडिया की फ्लाइट क्रमांक AI436 में टिकिट करवाया था, मुझे सीट क्रमांक 8C आवंटित हुई. मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी. बैठना तकलीफदायक था”.
उन्होंने आगे लिखा, “जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए. ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं. सहयात्रियों ने मुझे बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा”.
शिवराज सिंह ने कहा, “मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एयर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला. मुझे बैठने में कष्ट की चिंता नहीं है लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है. क्या ये यात्रियों के साथ धोखा नहीं है?क्या आगे किसी यात्री को ऐसा कष्ट न हो, इसके लिए एयर इंडिया प्रबंधन कदम उठाएगा या यात्रियों की जल्दी पहुंचने की मजबूरी का फायदा उठाता रहेगा.
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एयर इंडिया की खराब सेवाओं को लेकर की गई शिकायत के बाद, एयर इंडिया ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए माफी मांगी. एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से जवाब देते हुए एयर इंडिया ने लिखा, “माननीय सर, आपको हुई असुविधा के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. कृपया निश्चिंत रहें, हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न दोहराई जाए.”इसके साथ ही एयर इंडिया ने अनुरोध किया कि वे डायरेक्ट मैसेज के माध्यम से सुविधाजनक समय साझा करें ताकि इस मामले को और बेहतर तरीके से सुलझाया जा सके.
