एक साल में 12 अमावस्या आती हैं, और अमावस्या का दिन पितरों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन लोग अपने पितरों को स्मरण कर पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सावन की अमावस्या का विशेष महत्व होता है, और इस अवसर पर हरिद्वार, उज्जैन, नासिक जैसे पवित्र स्थलों की यात्रा की जाती है। भक्त पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करते हैं, जिससे उन्हें अपने पापों से मुक्ति मिलती है।
हरियाली अमावस्या की तिथि
हरियाली अमावस्या 4 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन लोग पितरों के लिए दान-पुण्य, पिंडदान और पूजा करते हैं। इसके साथ ही, कई लोग इस दिन पौधारोपण भी करते हैं।
दान का मुहूर्त
सावन की हरियाली अमावस्या 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3:50 बजे शुरू होगी और 4 अगस्त 2024 को शाम 4:42 बजे समाप्त होगी। इस अमावस्या पर दान करने के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- पहला शुभ मुहूर्त: सुबह 9:05 से दोपहर 12:26 तक
- दूसरा शुभ मुहूर्त: दोपहर 2:07 से 3:47 तक
शुभ मुहूर्त
- रवि पुष्य योग: सुबह 5:43 से दोपहर 1:26 तक
- सवार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:43 से दोपहर 1:26 तक
उपाय
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें: मां लक्ष्मी को मखाने, बताशे, और खीर का भोग चढ़ाएं। घी के दीपक में केसर और लौंग डालकर मां लक्ष्मी की आराधना करें।
भोले बाबा का रुद्राभिषेक: इस अमावस्या पर भोले बाबा का रुद्राभिषेक करें। बेलपत्र, फूल, माला और धतूरा चढ़ाएं। इससे मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
पौधारोपण करें: सावन अमावस्या पर बेलपत्र, तुलसी, आंवला के पौधे घर में लगाएं। मंदिर या किसी पार्क में शमी, पीपल, नीम, और बरगद के पौधे लगाएं। इससे ग्रह दोष दूर होते हैं और पितरों को शांति मिलती है।
पीपल के पेड़ की पूजा: अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भोले बाबा की कृपा प्राप्त होती है।
पितृ दोष से छुटकारा: अमावस्या के दिन महादेव को आक या मदार के सफेद फूल चढ़ाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, पितरों के सामने तेल का दीपक अवश्य जलाएं।