पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के किलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भारत ने सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने के साथ कई अहम फैसले लिए है. भारत के इन फासलों से पाकिस्तान बिलबिला उठा है. पाकिस्तान ने इसके जवाब में अपने एयरस्पेस को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया है और भारतीय नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है. वहीं, पाकिस्तान ने भारत को शिमला समझौता रद्द करने की धमकी दी है. आइए जानते हैं क्या है शिमला समझौता.
1971 में भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद मिली थी और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था. इस युद्ध के दौरान भारत ने लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बना लिया था. इसी पर बातचीत के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो शिमला आए थे.
शिमला समझौता, भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है. 2 जुलाई 1972 को भारत के हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने इस समझौते से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए थे, इसीलिए इसे शिमला समझौता कहा जाता है.
शिमला एग्रीमेंट में क्या-क्या है?
मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की बात: भारत और पाकिस्तान अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे. दोनों देश किसी भी विवाद को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए सुलझाएंगे, ना कि बल प्रयोग या युद्ध के जरिए.
नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बनाए रखने की बात
युद्ध के बाद जो नियंत्रण रेखा (LoC) बनी, उसे दोनों पक्षों ने मान्यता दी और किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई नहीं करने पर समझौता हुआ।
युद्धबंदियों की रिहाई
भारत ने पकड़े गए पाकिस्तानी सैनिकों को मानवता के आधार पर रिहा करने की बात मानी.
कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय रहेगा
इस समझौते के तहत ये तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सहित सभी मुद्दे सिर्फ आपसी बातचीत से सुलझाए जाएंगे, न कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से.
