उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर एक बड़ी भीड़ भड़काऊ नारेबाजी करती नजर आई. मौलाना तौकीर रजा की अपील पर मुस्लिमों ने इस्लामिक ग्राउंड में प्रदर्शन करने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ गया. पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और स्थिति को नियंत्रित किया. मौलाना तौकीर रजा, जो इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष हैं, ने मुस्लिमों से इस्लामिया मैदान में अपनी ताकत दिखाने की अपील की थी, लेकिन खुद मौके पर नहीं पहुंचे. 2010 के दंगों में भी उनका नाम जुड़ा रहा है.
यह विवाद “आई लव मोहम्मद” पोस्टर को लेकर शुरू हुआ, जिसकी शुरुआत कानपुर से हुई थी और बाद में बरेली तक पहुंची. उर्स के दौरान शहदाना दरगाह के निकट पोस्टर लेकर जुलूस निकाला गया, जबकि दूसरी ओर युवाओं से अपील की गई थी कि वे पोस्टर घरों पर न लगाएं या जुलूस में न शामिल हों, ताकि इस्लाम की अवमानना न हो. IMC प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने धरना देने का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने इसे मंजूरी नहीं दी और धारा 163 लागू कर दी. इसके बावजूद बरेली का माहौल तनावपूर्ण बना रहा.
