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ऑनलाइन वक्फ पंजीकरण में उत्तर प्रदेश की बड़ी उपलब्धि, देश में हासिल किया पहला स्थान

उत्तर प्रदेश ने वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण के क्षेत्र में देशभर में पहला स्थान हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ‘उम्मीद’ पोर्टल के माध्यम से राज्य में कुल 92,832 वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इनमें 86,347 सुन्नी और 6,485 शिया वक्फ संपत्तियां शामिल हैं। यह उपलब्धि राज्य सरकार की योजनाबद्ध कार्यप्रणाली, प्रशासनिक सक्रियता और पारदर्शी व्यवस्था को दर्शाती है।

हालांकि केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समयसीमा में छह महीने की बढ़ोतरी की है, लेकिन उत्तर प्रदेश ने तय अवधि से पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया। देशभर में अब तक हुए कुल डिजिटल वक्फ रजिस्ट्रेशन में यूपी का योगदान सबसे अधिक रहा है, जिससे राज्य राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनकर उभरा है।

राज्य सरकार द्वारा चलाए गए व्यापक जागरूकता अभियानों और जिला प्रशासन के सहयोग से मुतवल्लियों ने समय रहते अपनी संपत्तियों का ऑनलाइन पंजीकरण कराया। पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, शिया वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में लखनऊ सबसे आगे रहा, जबकि अमरोहा और मेरठ भी शीर्ष जिलों में शामिल रहे। वहीं सुन्नी वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में बाराबंकी ने सबसे अधिक संख्या दर्ज की, इसके बाद सीतापुर और आजमगढ़ का स्थान रहा। इसके अलावा बिजनौर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ और जौनपुर जैसे जिले भी इस प्रक्रिया में उल्लेखनीय रूप से आगे रहे।

अधिकारियों का मानना है कि डिजिटल रजिस्ट्रेशन से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ेगी, अवैध उपयोग पर रोक लगेगी और उनके संरक्षण व विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे। यह पहल न केवल प्रशासनिक सुधार की मिसाल है, बल्कि वक्फ संपत्तियों के बेहतर भविष्य की नींव भी रखती है।

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