Urban Company के सितंबर तिमाही के नतीजे निवेशकों के लिए निराशाजनक रहे। लिस्टिंग के डेढ़ महीने बाद पहली तिमाही रिपोर्ट ने कंपनी के शेयरों को दबाव में ला दिया। शेयर 6% तक गिरकर ₹147.50 तक पहुंचा और दिन के अंत में ₹153.15 पर बंद हुआ। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कंपनी को ₹59.3 करोड़ का नेट लॉस हुआ, जबकि पिछली तिमाही में ₹6.9 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया गया था। मुख्य वजह नई हाउसकीपिंग सेवा Insta Help में भारी निवेश है, जो मुनाफे की बजाय घाटे का केंद्र बन गई।
कुल रेवेन्यू 37% बढ़कर ₹380 करोड़ हुआ, लेकिन खर्च ₹462 करोड़ तक बढ़ गया, जिससे EBITDA मुनाफा ₹21 करोड़ से ₹35 करोड़ के घाटे में बदल गया। अगर Insta Help को हटाया जाए, तो कोर बिजनेस अभी भी ₹10 करोड़ का एडजस्टेड प्रॉफिट दिखा रहा है। हालांकि स्मार्ट होम प्रोडक्ट्स वर्टिकल का रेवेन्यू 179% बढ़कर ₹75 करोड़ पहुंचा और इंटरनेशनल मार्केट (UAE और सिंगापुर) पहली बार ब्रेक-इवन पर पहुंची, जिससे विदेशी कारोबार में उम्मीद दिखाई देती है।
सितंबर तिमाही के अंत तक कंपनी के पास ₹2,136 करोड़ का कैश रिजर्व था, लेकिन लगातार निवेश Insta Help में “कैश बर्निंग” का खतरा बढ़ा रहा है। IPO के शुरुआती दिनों में शेयर ने ₹201 का हाई छुआ, लेकिन अब ₹145.20 के 52-वीक लो तक फिसल गया। Urban Company की कहानी बताती है कि तेज़ विस्तार और नए प्रोजेक्ट्स के बावजूद अगर खर्चों पर नियंत्रण न हो, तो निवेशकों का भरोसा तेजी से कमजोर हो सकता है।


