यूपी: गरीबों के बच्चों से न्याय नहीं कर रही सरकार, स्कूलों के विलय पर मायावती

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में 30 सेकम संख्या वाले 120 स्कूलों का नजदीकी स्कूलों में विलय कर दिया गया है. अब इन स्कूलों के बच्चे सबद्ध स्कूलों में पढ़ाई करेंगे. इन स्कूलों की सूची बीएसए ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक, निदेशक और डीएम समेत खण्ड शिक्षाधिकारी और संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को भेज दी है. इधर स्कूल विलय के मामले को लेकर मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है.

मायावती ने पोस्ट में लिखा, “बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में बहुत सारे स्कूलों को बंद करने वाला जो फैसला लिया गया है, वह ग़रीबों के करोड़ों बच्चों को उनके घर के पास दी जाने वाली सुगम व सस्ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति न्याय नहीं, बल्कि पहली नजर में ही स्पष्ट तौर पर यह अनुचित, गै़र-ज़रूरी एवं गरीब-विरोधी प्रतीत होता है.

सरकार से अपील है कि वह अपना युग्मन/एकीकरण का यह फैसला ग़रीब छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में तुरन्त वापस लें. यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर हमारी पार्टी इनके सभी माता-पिता व अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि हमारी पार्टी बी.एस.पी. की सरकार बनने पर फिर इस फैसले को रद्द करके पुनः यहाँ प्रदेश में पुरानी व्यवस्था बहाल की जायेगी. वैसे उम्मीद है कि यूपी सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्दनज़र अपने इस फैसले को बदलने के बारे में ज़रूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी.

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