हिमाचल में बेरोजगारी का आलम, MA पास भी चपरासी बनने को मजबूर

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी का आलम यह है कि एमए पास युवा भी चपरासी बनने के लिए तैयार हैं। राज्य लोक सेवा आयोग ने चतुर्थ श्रेणी के चार पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिनके लिए चार हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन पदों पर भर्ती दसवीं कक्षा की मेरिट के आधार पर की जाएगी।

आयोग ने 7 दिसंबर को इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी, जो 3 जनवरी तक चली। इन चार पदों में से एक अनारक्षित वर्ग, एक अनुसूचित जाति वर्ग, एक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), और एक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित है। यह नियुक्ति अनुबंध आधार पर होगी, जिसमें पे-बैंड 8000-56900 रुपए के बीच रहेगा।

चपरासी पद के लिए आवेदकों से आठवीं और दसवीं कक्षा के प्रमाणपत्र मांगे गए हैं। दसवीं के प्रमाणपत्र न केवल आयु प्रमाणपत्र के रूप में उपयोग होंगे बल्कि मेरिट निर्धारण का आधार भी बनेंगे। इनमें 80-85% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले कई उम्मीदवार शामिल हैं, जिनकी शैक्षणिक योग्यता एमए तक है। राज्य लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया नियमानुसार ही होगी।

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