जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. आतंकी हमला करने के बाद मौके से फरार हो गए थे. उन्हें दो स्थानीय लोगों ने शरण दी थी, जोकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के हत्थे चढ़ चुके हैं. उन्हें सोमवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
एनआईए के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में तीन आतंकियों की पहचान को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। जांच एजेंसी के पास प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, वीडियो फुटेज, तकनीकी प्रमाण और पुलिस द्वारा जारी स्केच सहित कई सबूत हैं, जिन्हें ध्यानपूर्वक विश्लेषण किया जा रहा है। एजेंसी का कहना है कि हमले से जुड़े सभी पहलुओं की पेशेवर तरीके से जांच की जा रही है और आतंकियों की पहचान उचित समय पर सार्वजनिक की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकियों को 20 और 21 अप्रैल को पहाड़ी क्षेत्रों में छिपने के लिए जगह, भोजन और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई थी। एनआईए का मानना है कि यह सहायता सिर्फ समर्थन नहीं बल्कि एक सक्रिय भूमिका थी।
