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“जहरीले कफ सिरप कांड: मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की गिरफ्तारी, SIT जांच तेज”

छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से हुई मौतों के मामले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. सन फार्मा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सतीश वर्मा को परासिया पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया है. आरोप है कि सतीश ने डॉक्टरों को कमीशन देकर मरीजों को कंपनी की दवाइयां लिखवाने के लिए दबाव डाला.

अब इस मामले की जांच विशेष जांच टीम (SIT) कर रही है. टीम यह पता लगाएगी कि किन डॉक्टरों को कमीशन दिया गया, दवाई की सप्लाई किसके माध्यम से हुई और जहरीली दवाइयां बाजार में कैसे पहुंचीं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में कुछ प्रमुख निजी डॉक्टरों और मेडिकल एजेंसियों के नाम सामने आ सकते हैं.

छिंदवाड़ा पुलिस इस पूरे मामले की हर परत खोलने में जुटी हुई है. कंपनी के मालिक, एजेंसी संचालक, डॉक्टर और अब मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की गिरफ्तारी के बाद जांच का दायरा और भी व्यापक हो गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सतीश वर्मा की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होगा कि कमीशन की लालच में किन डॉक्टरों ने मरीजों को जहरीली दवाइयां लिखीं. SIT और पुलिस की यह कार्रवाई इस कांड के सभी पहलुओं को उजागर करने और जिम्मेदारों को कानून के तहत लाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.

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