पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से तृणमूल कांग्रेस के विवादास्पद विधायक हुमायूँ कबीर ने एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना दिया है। कबीर ने 6 दिसंबर को अयोध्या में मूल बाबरी मस्जिद के विध्वंस की वर्षगांठ पर जिले में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए विपक्षी विधायक नौशाद सिद्दीकी को आमंत्रित किया है। सिद्दीकी दक्षिण 24 परगना के भांगड़ से इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के टिकट पर चुने गए हैं और राज्य में विपक्ष के एकमात्र मुस्लिम विधायक हैं।
कबीर ने कहा कि सिद्दीकी इस कार्यक्रम में विधायक के रूप में नहीं, बल्कि धर्मनिष्ठ मुसलमान के तौर पर शामिल होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसी दिन कोलकाता में टीएमसी द्वारा आयोजित बाबरी मस्जिद एकजुटता रैली में शामिल होना संभव नहीं है, क्योंकि उन्होंने पहले ही अपने धर्मगुरुओं के साथ शिलान्यास में भाग लेने का वादा किया है।
इस कदम ने राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ा दी है कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्ष के विधायक एक ही धार्मिक आयोजन में एक मंच पर दिखेंगे। भाजपा ने इसे टीएमसी की तुष्टिकरण नीति बताया, जबकि कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि यदि मंदिर की आधारशिला रखी जा सकती है, तो मस्जिद की आधारशिला में क्या आपत्ति है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। कबीर का यह कदम राज्य में सियासी और सामाजिक बहस को तेज कर रहा है, और आगामी चुनावों के परिदृश्य में इसे अहम माना जा रहा है।


