भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की घोषणा की। इसके बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी में बैठक बुलाई, ताकि SIR प्रक्रिया की जानकारी साझा की जा सके। बैठक के दौरान मतदाता पहचान और फॉर्म प्रक्रिया पर जोरदार बहस हुई, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया।
टीएमसी के मंत्री और प्रतिनिधि फिरहाद हकीम ने बैठक में कहा कि उनका उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि कोई भी वास्तविक मतदाता वोटर सूची से वंचित न रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर BJP और चुनाव आयोग मिलकर CAA लागू करने या वोटर पहचान पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं, तो वे सख्त कदम उठाएंगे। हकीम ने कहा, “अगर CAA थोपने की कोशिश होगी, तो उनकी टांगें तोड़ देंगे।” उन्होंने NRC से जुड़ी संवेदनशीलता को भी उठाया और उत्तर 24 परगना में हुए कथित आत्महत्या मामले का हवाला दिया, जिसमें व्यक्ति ने अपने सुसाइड नोट में NRC को जिम्मेदार ठहराया।
बैठक में वोटर गिनती फॉर्म और पहचान प्रक्रिया को लेकर सवाल उठे, जिससे चर्चा और तीव्र हो गई। हकीम ने दोहराया कि किसी भी जायज़ मतदाता की हानि नहीं होने दी जाएगी और वे मतदाता सुरक्षा और पहचान पर समझौता नहीं करेंगे। बैठक के बाद राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहे। हकीम की तीखी चेतावनी और सख्त रुख ने SIR और मतदाता पहचान के मुद्दों पर राजनीतिक बहस को और गर्म कर दिया, जिससे आगामी समय में चुनावी प्रक्रिया और सुरक्षा पर सवाल उठ सकते हैं।


