केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी में बड़ा बदलाव करने की योजना बना रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब को हटाकर उसमें आने वाले अधिकतर सामानों को 5 प्रतिशत टैक्स में लाने की तैयारी कर रही है. इससे जूते-चप्पल, मिठाई, कुछ कपड़े और डेयरी उत्पादों जैसी वस्तुओं की कीमतों में कमी आ सकती है. सरकार महंगी वस्तुओं जैसे कारें, तंबाकू, पान मसाला और कोल्ड ड्रिंक्स पर लगने वाले अतिरिक्त टैक्स (सेस) को सीधे जीएसटी के दर में शामिल करने की योजना बना रही है. इसका फायदा ये होगा कि टैक्स सिस्टम पारदर्शी बनेगा और राज्यों को ज्यादा हिस्सा मिलेगा.
सरकार ने ‘सेस’ इसलिए लगाया था ताकि GST लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके. बाद में कोरोना के वक्त राज्यों को जो लोन मिला था, उसकी वसूली के लिए इस सेस को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया. अब सरकार चाहती है कि यही टैक्स सीधे जीएसटी रेट में जोड़ दिया जाए. इस बदलाव से रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो सकती हैं, टैक्स भरना आसान होगा. राज्यों को टैक्स का हिस्सा ज्यादा मिलेगा, कारोबारियों को कम जटिलता होगी. कीमतों में पारदर्शिता नजर आएगी.
