मध्य प्रदेश के कटनी में एक ऐसा मंदिर जहां बूटी चबाने से जुड़ जाती हैं टूटी हड्डियां

मध्यप्रदेश के कटनी जिले से लगभग 35 किमी दूर मुहांस गांव में स्थित संकटमोचन मंदिर. यह मंदिर  टूटी हड्डी को बूटी से जोड़ने के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. लोगों ने तो यहां तक माना है कि जिन लोगों को डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ाने की सलाह दे दी थी, उन्होंने यहां आकर बूटी खाई और उनकी हड्डी जुड़ गई. दूसरी ओर चिकित्सक भी वहां खिलाई जाने वाली बूटी को लेकर आज तक स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह पाए हैं कि वह विज्ञान है या चमत्कार.

जो भी इस मंदिर में दर्शन करता है और बूटी खाता है, उसकी टूटी हुई हड्डियां अपने आप जुड़ जाती हैं. वैसे तो इस मंदिर में रोज ही औषधि दी जाती है, पर मंगलवार तथा शनिवार की औषधि का प्रभाव ज्यादा होता है, इसलिए इन दो दिनों में ज्यादा मरीजों की भीड़ आती है. लोगों का कहना है की यहां रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज़ आते हैं लेकिन कोई भी निराश होकर नहीं जाता. यह हनुमान जी का मंदिर हड्डी जोड़ने वाले हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है.

यहां आने वाले श्रद्धालुओं को पहले राम नाम जप करने के लिए कहा जाता है, फिर उसके बाद आंखें बंद करके उसके मुंह में बूटी खिलाई जाती है. इस बूटी को चबा-चबाकर खाना होता है. इसके बाद मरीज को घर भेज दिया जाता है. कहा यह जाता है कि यहां जो भी आता है और भगवान की बूटी खाता है उसे सौ फीसदी आराम मिलता है. यही वजह है इस मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार पैर रखने की भी जगह नहीं होती लोग घंटों तक अपनी बारी पर बूटी खाने का इंतजार करते हैं.

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