कसौली में है एक ऐसा मंदिर जहां निःसंतान दंपत्तियों को मिलता है संतान प्राप्ती का वरदान

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। सोलन के कसौली में स्थित एक ऐसा धाम जहां हज़ारों निःसंतान दंपत्तियों को संतान प्राप्ती का वरदान मिलता है. मान्यता है कि जो श्रद्धालु यहां सच्चे मन से आता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. जी हां हम बात कर रहे है सोलन जिले के कसौली के गढ़खल स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर की. जिसकी स्थापना पूज्य गुरु विजय कुमार चौहान के द्वारा की गई.

मंदिर का इतिहास-
सोलन जिले के कसौली में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर गढ़खल की स्थापना वर्ष 1979 में पूज्य गुरु विजय कुमार चौहान के द्वारा की गई. मान्यता है कि एक रात को सोते समय बाबा बालक नाथ जी ने विजय चुमार चौहान को सपने में दर्शन दिए और कहा कि ग्रनर पर्वत मेरे मंदिर का निर्माण करो और यहां बाबा जी की सेवा करें, तेरे हाथों लोगों का भला होगा. बाबा बालक नाथ जी ने सपने में पूज्य गुरु विजय कुमार चौहान को बताया कि भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आएगा उस भक्त की हर मनोकामना पूरी होगी. उसके बाद बाबा जी ने पूज्य गुरु जी में विराजमान किया.

निःसंतान दंपत्तियों को होती है संतान की प्राप्ती-
मान्यता है कि गढ़खल स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में आने वाले निःसंतान दंपत्तियों को बाबा बालक नाथ और गुरु विजय कुमार चौहान के आशीर्वाद से संतान की प्राप्ती होती है. जिसका सारा रिकॉर्ड भी रखा जाता. इस मान्यता के चलते यहां दूर-दूर से लोग आते हैं और अपनी मनोकामना को पूर्ण करते है. बता दें कि इस मंदिर में भक्तों के हर कष्ट का निवारण किया जाता है. हर रविवार और नवरात्रों में यहां मंदिर में लोगों के कष्टों का निवारण किया जाता है.

श्रद्धालुओं के ठहरने और खाने पीने का है उचित प्रबंध-
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु देश के हर कोने-कोने से आते जिसके चलते यहां पर उनके ठहरने और खाने-पीने की उचित प्रबंध किया गया है. मंदिर में भक्तों के सोने के लिए सराय और खाने के लिए लंगर हॉल का भी उचित प्रबंध किया गया है.

चंडीगढ़ से है महज 55 किलोमीटर दूर-
सोलन जिला के कसौली की खुबसूरत वादियों में ग्रनर पर्वत पर स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में पहुंचना बहुत आसान है. मंदिर की चंडीगढ़ से दूरी महज 55 किलोमीटर है. वहीं, सोलन से यह मंदिर महज 21 किलोमीटर दूर है. जहां आप बस या अपनी निजी गाड़ी से बड़ी आसानी से पहुंच सकते है.