हिमाचल में गरमाया भूमि अधिग्रहण के लिए 4 गुना मुआवजा देने का मामला

हिमाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा देने के मामले में सियासत शुरू हो गई है. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए सरकार को चार गुना मुआवजा देने में असमर्थ बताया है. वहीं, राजस्व मंत्री के इस बयान पर अब फोरलेन प्रभावित भड़क उठे हैं. फोरलेन प्रभावित संघर्ष समिति ने राजस्व मंत्री को याद दिलाया है कि कांग्रेस सरकार ने 2022 के चुनाव में फैक्टर दो लागू करने का वादा किया था.

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए 4 गुना मुआवजा देने में सरकार असमर्थ है. उन्होंने फेक्टर टू देने से साफ इनकार कर दिया. नेगी ने कहा कि बीजेपी की डबल इंजन सरकार भी इसे लागू नहीं कर पाई थी. वर्तमान सरकार के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि फेक्टर टू दिया जा सके. उन्होंने कहा कि सिंगल इंजन की सरकार में यह संभव नहीं हो पाएगा. लेकिन, फेक्टर वन में कुछ चीजें जोड़कर एक वाजिब राशि दी जा रही है.

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर फोरलेन प्रभावित भड़क उठे हैं. फोरलेन संघर्ष समिति के संरक्षक रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा न देने का फैसला गलत है. उन्होंने कहा कि फैक्टर 2 लागू करने से हिमाचल की आर्थिक स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ज्यादातर प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के हैं और उसका पैसा भी केंद्र देगा. ठाकुर ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का कानून यूपीए सरकार ने 2013 में लागू किया था. कांग्रेस सरकार ने 2022 के चुनाव में फैक्टर दो लागू करने का वादा किया था. कोर्ट ने 2015 की नोटिफिकेशन को रद्द करने का फैसला वर्तमान कांग्रेस सरकार में दिया है. ठाकुर ने कहा कि फेक्टर दो के मुद्दे को सिंगल इंजन या डबल इंजन से नहीं जोड़ना चाहिए.

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