नए लेबर कोड को लेकर वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच लंबे समय से यह चिंता बनी हुई थी कि इसके लागू होने के बाद उनकी टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी। चर्चा यह थी कि बेसिक सैलरी बढ़ने के कारण पीएफ कटौती भी बढ़ेगी। लेकिन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा साझा किए गए हालिया उदाहरण ने इस भ्रम को पूरी तरह खत्म कर दिया है।
नए वेज कोड में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी का बेसिक वेतन उसकी कुल सैलरी का कम से कम 50% होना चाहिए। कई कंपनियां अभी बेसिक कम और अलाउंस ज्यादा रखती हैं। उदाहरण के तौर पर यदि किसी कर्मचारी की सैलरी 60,000 रुपये है और उसमें बेसिक 20,000 व भत्ते 40,000 हैं, तो नया कोड लागू होने पर भत्तों की सीमा 30,000 रुपये (कुल वेतन का 50%) तय होगी। ऐसे में अतिरिक्त 10,000 रुपये बेसिक में जुड़ जाएंगे, जिससे वैधानिक बेसिक 30,000 हो जाएगा।
लेकिन राहत की बात यह है कि पीएफ की अनिवार्य गणना 15,000 रुपये की वैधानिक सीमा पर ही होती है। यानी पहले की तरह 12% के हिसाब से पीएफ 1,800 रुपये ही कटेगा। नए कोड के बाद भी टेक-होम सैलरी में कोई कमी नहीं आएगी। 15,000 रुपये से अधिक वेतन पर अतिरिक्त पीएफ योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं। इससे साफ है कि नया लेबर कोड आपकी सैलरी नहीं घटाएगा, बल्कि स्ट्रक्चर को पारदर्शी बनाएगा।


