पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों की ओर से कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जैसे वोट चोरी, जबरन वोट डिलीट करना और निष्पक्षता पर सवाल. इन विवादों के बीच आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए बीते 6 महीनों में 30 बड़े बदलाव किए हैं.
अब पोलिंग बूथ पर वोटर अपना मोबाइल जमा कर सकता है. एक केंद्र पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे, जिससे भीड़ कम होगी और वोटिंग में सहूलियत बढ़ेगी. उम्मीदवार अब बूथ से 100 मीटर दूर प्रचार टेबल लगा सकेंगे. ईवीएम में प्रत्याशी की रंगीन फोटो, बड़ा नाम और पार्टी का नाम दिखेगा ताकि पहचान में आसानी हो.
वोटर स्लिप (VIS) का डिजाइन बदला गया है और EPIC प्रक्रिया को तेज किया गया है. ECINET पोर्टल लॉन्च कर 40 से अधिक ऐप्स को एक ही मंच पर लाया गया है, जिससे वोटरों को जानकारी पाने में सुविधा होगी. लाइव वोटिंग प्रसारण, हर 2 घंटे में टर्नआउट अपडेट, फॉर्म 17C और EVM मिलान में गड़बड़ी होने पर VVPAT गिनती जैसे कदम भरोसे को बढ़ाते हैं.
इसके अलावा, बीएलओ, पुलिस अधिकारी, मीडिया और चुनाव कर्मियों को व्यापक प्रशिक्षण, सैलरी बढ़ोतरी, और डिजिटल सिस्टम में सुधार जैसे कदम भी शामिल हैं. चुनाव आयोग के ये कदम लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल माने जा रहे हैं.


