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मतदाता सूची के SIR पर बढ़ा विवाद, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई 2 दिसंबर तक टाली

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई 2 दिसंबर तक स्थगित कर दी। इससे पहले अदालत ने तमिलनाडु में एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एमडीएमके अध्यक्ष वाइको की याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। राज्य में सत्तारूढ़ डीएमके और अभिनेता–राजनीतिज्ञ विजय की तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) सहित कई दल भी एसआईआर के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं।

डीएमके की याचिका पूर्व मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष रखी गई, जिसमें पार्टी के संगठन सचिव आर.एस. भारती ने एसआईआर की संवैधानिक वैधता पर प्रश्न उठाते हुए चुनाव आयोग की 27 अक्टूबर की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की। याचिका में तर्क दिया गया कि एसआईआर को जारी रखने से लाखों मतदाता बिना उचित प्रक्रिया के सूची से बाहर हो सकते हैं, जिससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रभावित होंगे और संविधान के मूल ढांचे पर आंच आएगी।

टीवीके की ओर से दायर याचिका में भी एसआईआर को अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 का उल्लंघन बताया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया दरअसल मतदाता सूची को बिना किसी कानूनी आधार के दोबारा तैयार करने के समान है, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 और 23 के खिलाफ है।

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