डिजिटल वॉलेट के जरिए आतंक की फंडिंग, जैश-ए-मोहम्मद की साजिश का खुलासा

भारत की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़े खुलासे में बताया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) पाकिस्तान की डिजिटल पेमेंट सेवाओं – ईज़ीपैसा (EasyPaisa) और सादापे (SadaPay) – का इस्तेमाल कर आतंकवाद के लिए बड़ी फंडिंग कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, जैश अब तक करीब 3.91 अरब पाकिस्तानी रुपये इन माध्यमों से इकट्ठा कर चुका है.

एफएटीएफ को दिखावा, असल में चालाकी

2019 में पाकिस्तान ने FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए दावा किया था कि उसने जैश पर कड़ी कार्रवाई की है. लेकिन अब यह सामने आ गया है कि कार्रवाई केवल दिखावे की थी. मसूद अजहर और उसके परिवार के नाम से दर्ज डिजिटल वॉलेट खातों में अब सीधे पैसा डाला जा रहा है.

डिजिटल हवाला का जाल

जांच में पाया गया है कि जैश के पास 250 से अधिक डिजिटल वॉलेट सक्रिय हैं. इनमें से कुछ खाते मसूद अजहर के भाई तल्हा अल सैफ और बेटे अब्दुल्ला अजहर के नाम पर हैं. इन खातों के जरिए जमा पैसा आतंकियों की ट्रेनिंग, हथियारों की खरीद और आलीशान जीवनशैली पर खर्च हो रहा है.

सोशल मीडिया से चंदा वसूली

जैश ने सोशल मीडिया पर नए आतंकी केंद्र बनाने के लिए चंदा मांगा है, जिसमें लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है ताकि ज्यादा फंड इकट्ठा किया जा सके.

भारत की कार्रवाई और पाकिस्तान की मंशा

भारत द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जैश के ठिकानों को तबाह किए जाने के बाद पाकिस्तान ने इन केंद्रों को फिर से बनाने के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की थी. अब इस खुलासे ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के बजाय उसे नए तरीकों से आगे बढ़ा रहा है.

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