भारत-चीन में LAC पर तनाव कम, दिवाली पर मिठाई बांटकर सैनिकों ने दिया शांति का संदेश

भारत और चीन के बीच हाल के तनावों को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट का कार्य पूरा कर लिया गया है। भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिक पीछे हट चुके हैं, जिससे लंबे समय बाद अब यहां गश्त फिर से शुरू हो सकेगी। दिवाली के अवसर पर, दोनों देशों के सैनिकों ने मिठाई का आदान-प्रदान कर इस क्षण को खास बना दिया। यह मिठाई सिर्फ देपसांग और डेमचोक तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि लद्दाख के चुशुल मोल्दो, सिक्किम के नाथूला, और अरुणाचल के बुमला सहित कई अन्य स्थानों पर भी यह परंपरा निभाई गई। सेना के सूत्रों के अनुसार, पांच बीएमपी प्वाइंट्स पर मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ है।

डेमचोक और देपसांग में सैनिकों का पीछे हटना

सूत्रों ने बताया कि बुधवार को देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो गई थी, जिसके बाद पेट्रोलिंग पर लोकल कमांडर स्तर पर बातचीत हुई। संभावना है कि आज या कल से दोनों देशों के सैनिक इन क्षेत्रों में पुनः गश्त शुरू करेंगे। पिछले साढ़े चार वर्षों के तनाव के कारण यहां पेट्रोलिंग बंद थी। फिलहाल, समझौता केवल देपसांग और डेमचोक के लिए ही हुआ है, और अन्य क्षेत्रों के लिए बातचीत जारी है।

सबसे लंबी सीमा साझा करते हैं भारत और चीन

भारत और चीन 3,488 किलोमीटर लंबी और विवादित सीमा साझा करते हैं, जिसे एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) कहा जाता है। यह सीमा तीन सेक्टर्स- ईस्टर्न, मिडिल और वेस्टर्न में बंटी हुई है और कई हिस्सों में दोनों देशों के दावे अलग-अलग हैं। लद्दाख से अरुणाचल तक इस विवाद के कारण कई बार टकराव की स्थिति बनी रहती है। हालांकि, हाल ही में हुए समझौते के बाद देपसांग और डेमचोक में दोनों देशों की सेना पीछे हट चुकी है।

गलवान घाटी के बाद तनाव

2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। यह घटना दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दशकों में सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष के रूप में देखी गई। कई हफ्तों की बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों ने समझौते को अंतिम रूप दिया। इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि समझौते के तहत अब भारतीय और चीनी सैनिक फिर से सामान्य रूप से गश्त कर सकेंगे, जैसा कि पहले करते थे।

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