बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वे वक्फ संशोधन कानून को “कूड़ेदान में फेंक देंगे.” भाजपा ने इसे लेकर तेजस्वी पर हमला बोला और सवाल किया कि कोई मुख्यमंत्री केंद्र के कानून को कैसे रद्द कर सकता है. वास्तव में, वक्फ एक्ट 1954 में बना और इसमें 1995, 2013 व अप्रैल 2025 में संशोधन किए गए. कुछ मुस्लिम समुदाय इसे लेकर चिंतित हैं, क्योंकि नए बदलावों में वक्फ डीड के बिना संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा.
कानूनी रूप से राज्य सरकारें वक्फ बोर्डों के प्रशासनिक कार्यों में भूमिका निभा सकती हैं, लेकिन केंद्र के कानून को रद्द या अमान्य नहीं कर सकतीं. ऑर्टिकल-256 के अनुसार, राज्य केंद्र के कानूनों का पालन करने से इनकार नहीं कर सकता. तेजस्वी यादव अगर बिहार में सरकार भी बना लें, तब भी वे केंद्र के वक्फ संशोधन कानून को रद्द नहीं कर सकते. विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी का यह बयान राजनीतिक रणनीति का हिस. बिहार में मुस्लिम वोटर्स लगभग 18% हैं और कई सीटों पर उनका प्रभुत्व अधिक है. ऐसे में यह बयान मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए दिया गया माना जा रहा है.


