राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को एनडीए के घोषणापत्र पर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में किए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं और नए वादे भी जनता को भ्रमित कर रहे हैं. तेजस्वी ने मांग की कि एनडीए को ‘संकल्प पत्र’ की बजाय जनता से माफी मांगते हुए ‘माफी पत्र’ जारी करना चाहिए.
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और उनकी जागरूकता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में उद्योग और निवेश की कमी है और राज्य आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. उन्होंने अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर, नर्स और दवा की कमी को भी उजागर किया. यादव ने कहा कि एनडीए के घोषणापत्र में यह नहीं बताया गया कि पिछली सरकारों ने बिहार की जनता के लिए क्या किया.
तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि जनता अब एनडीए के ‘चाल चरित्र’ को समझ चुकी है और इस बार उन्हें करारा जवाब देगी. उनका कहना था कि बिहार की जनता बेरोज़गारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी को देखकर महागठबंधन को सत्ता में लाएगी.
एनडीए ने शुक्रवार को पटना में अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियों, कौशल जनगणना और हर जिले में मेगा कौशल केंद्र बनाने का वादा किया गया है. महागठबंधन ने इससे पहले अपना घोषणापत्र ‘तेजस्वी का प्रण’ जारी किया था, जिसमें राज्य में विकास और रोजगार पर जोर दिया गया है.


