हरियाणा में आज से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ हुआ। इस अभियान का उद्देश्य भारत को टीबी मुक्त बनाना और इस बीमारी के बोझ को कम करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है जो टीबी के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
टीबी उपचार में नई प्रणाली
अभियान के तहत, एक नई उपचार व्यवस्था शुरू की जा रही है, जिसमें उपचार की अवधि को 9-12 महीने से घटाकर 6 महीने किया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने ‘पैथो डिटेक्ट’ नामक एक स्वदेशी निदान प्रणाली विकसित की है, जो टीबी और दवा-प्रतिरोधी टीबी के निदान में अत्याधुनिक आणविक तकनीकों का उपयोग करेगी। यह प्रणाली देशव्यापी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए मान्य की गई है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ परामर्श कर रहा है ताकि नई टीबी उपचार प्रणाली को अगले साल लागू किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और उपयुक्त सामग्री तैयार की जा रही है।
हरियाणा सरकार की पहल
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के लिए एक विशेष रणनीति बनाई है। इसके तहत, टीबी मरीजों का डाटा एक पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी मरीज इलाज से वंचित न रहे। इस कदम का उद्देश्य सभी मरीजों तक सही जानकारी और उपचार पहुंचाना है।
जागरूकता और सामूहिक भागीदारी की आवश्यकता
टीबी के खिलाफ लड़ाई में केवल सरकार या स्वास्थ्यकर्मी ही नहीं, बल्कि आम जनता की भूमिका भी अहम है। हमें अपने आसपास के लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करना होगा और उन्हें इलाज के लिए प्रेरित करना होगा। सामूहिक भागीदारी से ही इस बीमारी के उन्मूलन का सपना साकार हो सकता है।
टीबी उन्मूलन की दिशा में यह अभियान न केवल टीबी मरीजों के जीवन में बदलाव लाएगा, बल्कि भारत को एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।